Thought with Krishna
Geeta Gyaan
जो व्यक्ति मोह और द्वेष से मुक्त है,
वही शांति को प्राप्त करता है।
जो मुझे सर्वत्र देखता है
और सब कुछ मुझमें देखता है,
मैं कभी उससे दूर नहीं होता।
अहमात्मा गुडाकेश सर्वभूताशयस्थितः।
👉"हे अर्जुन, मैं सब प्राणियों के हृदय में स्थित आत्मा हूँ।"
ज्ञानेन तु तदज्ञानं येषां नाशितमात्मनः।
👉 "जिसका अज्ञान ज्ञान द्वारा नष्ट हो गया है,
वह आत्मा परम शांति को प्राप्त करता है।"
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
👉 "तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फलों में नहीं।"
न जायते म्रियते वा कदाचित्।
👉 "आत्मा न कभी जन्म लेती है, न मरती है।"
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