Thursday, July 10

लड़कियों को पढ़ाना इसीलिए है जरुरी !! Beti padhao Beti Bachao अभियान !!

लड़कियों को पढ़ाना इसीलिए है जरुरी !! Beti padhao Beti Bachao अभियान !!



लड़कियों को पढ़ाना  इसीलिए है जरुरी  !! Beti padhao Beti Bachao अभियान !!


क्यों और कब चलाया गया बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान:-
आजकल हम एक नई मुसीबत से जूझ रहे है हर जगह दुनिया व्यस्त है अपने अपने काम में सब लोग एक दूसरे से जलते है यहाँ  तक  की काफी लोग पढोस घर के पास रहकर भी एक दूसरे से नहीं बोलते ना ही घर पर रहकर एक दूसरे से बोलते है यही कुछ जगह ऐसी भी है जहां आज भी लोग लड़का लड़की  में  भेदभाव करते है लड़कियों को कमजोर समझते है आज जहां जमाना आगे निकल रहा है बही कुछ लोगो की सोच बदल रही है और कुछ लोग वंही  के वंही अटके हुए है कि लड़का आए लड़की में भेदभाव रखते है इस को ध्यान में रखते हुए भारत ने 22 जनवरी 2015 में एक अभियान शुरू किया गया जिसका नाम है "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" इस अभियान के जरिए गांव में रह रहे लोग जो ये सोचते है की बेटी को नही पढ़ाना चाहिए उन लोगो को जागरूक करना है और उन्हें समझना है कि इस दुनिया में कोई बड़ा या छोटा नहीं होता बेटी और बेटे में   कोई फर्क नहीं होता सभी को शिक्षा का पूरा अधिकार है


क्यों पढ़ी जरुरत इस अभियान को शुरू करने की :- 


  अभियान को बहुत सोच समझकर लाया गया कुछ जगह बेटी के जन्म से पहले ही पता करके की बेटी है या बेटा  अगर बेटी उसे जान से मार देते थे गर्भ  में भी इसीलिए सरकार ने भ्रूण हत्या को  पाप घोषित कर दिया और ऐसा करने वाले को जेल में डालना शुरू कर दिया पर इससे लोगो की सोच नही बदली और  तो सरकार ने इस अभियान कि शुरुआत की ताकि लोगो को घर घर जाके समझाया जाए को बेटी को मत मारो वो घर की लक्ष्मी होती है और घर में सुख शांति लाती है पर लोगो का कहना था कि अगर बेटी का जन्म हुआ तो वो लोग उसे पढ़ा लिखकर अगर बड़ा करेंगे तो वो दूसरे के घर चली जाएगी और उनका बहुत सारा धन दहेज के रूप में के जाएगी इसीलिए लोग लड़कियों को पहले ही मार देते थे ताकि उन्हे पता है था कि आगे वो उनके बूढ़ापे का सहारा नहीं बनेगी। सरकार इसी सोच को बदलने के लिए बहुत सारे जगह पर टेंट लगवा कर लोगो को समझाया और कहा गया कि बेटी के जन्म पर परिवार को  रुपए सरकार देगी इसके साथ-साथ  बहुत सारी योजनाए जैसे सुकन्या समृद्धि योजनाआपकी बेटी हमारी बेटी योजना (हरियाणा) की शुरुआत की गयी  आदि और कुछ जगह पर बेटी की 12 तक की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाती है आज 2025 में स्तिथि काफी सुधर गई है सरकार ने लड़कियों को आगे लाने के लिए बहुत सारे प्रयास किए  


क्यों पढ़ाना  जरूरी है लड़कियों को -
- ज्यादातर लोगों से अगर पूछा जाता है कि क्यों जरूरी है पढ़ाना लड़कियों को तो कुछ लोग सही से जबाब   नही दे पाते लेकिन इसका जबाव जितना सिपल है उतना ही अच्छा भी  ये सबको मालूम है लड़की की शादी हो जाती है और दूसरे घर चली जाती है इसका मतलब ये है कि लड़की अपने जीवन में दो घरों को संभालती है अगर किसी भी लड़की को पढ़ाया जाता है तो वो एक ही बार में दो घरो में जाके ज्ञान का विष्तार करेंगी। यानी एक गर्ल को पढ़ाना बहुत जरूरी है ताकि वो जम्हा भी जाए बन्हा सम्मान और आदर पा सकें और अपने ज्ञान से घर को सही से चला सके। 
लड़कियों का पढ़ना उतनी ही जरूरी है जितना लडको का  लड़के अपनी  पढ़ाई से जॉब करते है और  लड़कियां अपनी पढ़ाई से घर चलाती है  और जरुरत पढ़ने पर जॉब करके भी घर चलाती है आने वाले टाइम में बच्चो के साथ साथ मा बाप का पढ़ा लिखा होना बहुत जरुरी हो गया  है।
लड़कियां आजकल बहुत आगे जा रही है हमे उन्हें सपोर्ट करना चाहिए ताकि  देश की तरक्की हो सके।  हम इस अभियान ,को आगे  ले जाएंगे और सभी बेटी पढ़ाओ के अभियान में सब का साथ होना चाहिए


लड़कियों का सम्मान करें -: 
लड़कियों का सम्मान  करने चाहिए ताकि वो आगे बढ सके इसकी शुरुआत हमें अपने घर से करनी चाहिए अपनी बहन को उस काम में सपोर्ट करे जो उसके भले के लिए हो उसे अच्छी सी अच्छी एजुकेशन देने की कोशिश करे और अपना सहयोग दे ताकि वो अपने लक्ष्य को पा सके आजकल लड़कियां दुनिया को बहुत आगे ले जा रही है जो एक एक सराहनीय काम है इसके लिए हम उन्हें आधार देना  चाहिए। और उन्हें आदर तभी मिलेगा जब हम सभी गर्ल और वूमेंस को आदर देंगे ये हमारी जिम्मेदारी है। क्युकी  हमारी घरों की  लेडीज पूरे दिन बिना रुके बिना थके हमारे लिए खाना बनाती है और घर का बहुत सारा काम करती है   और बहुत सारा काम करती है हम बस उनका सम्मान ही करना है ये हमारा छोटा सा कदम कुछ लोगो को खुशी दे सकता है ।।  जो काम किसी को खुशी दे तो वो जरूर करना चाहिए




भारत में सबसे ज्यादा अवादी है जिसमें  अगर देखा जाए तो लडको और लड़कियों का अनुपात Ratio  105: 100 है   यानी अगर 105 लड़के है तो 100 ही गर्ल है यही अनुपात पहले  भारत में बाल लिंग अनुपात (Child Sex Ratio) 2011 की जनगणना के अनुसार 919 लड़कियाँ प्रति 1000 लड़के था बहुत काम था इस को बराबर करने के लिए भारत में बहुत सारे कदम उठाए जा रहे है अब किसी भी गर्भवती महिला को सरकारी अस्पतालों में जाने के लिए फ्री वैन सुविधा दी जा रही है और इसी के साथ अगर महिला को लड़की हुई तो उसको कुछ रुपए भी दिए जाते है ताकि लोग बच्ची की देखभाल कर सके भारत में इस बात पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है कि आगे जाके सभी लोग ये बात समझे की लड़का और लड़की में कोई फर्क नही है और  इस दुनिया में सभी का जीने का हक है और उन्हें आगे बढ़ने का भी हक है   जब सभी लोग शिक्षित होंगे तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा भारत  में लड़की के शादी के टाइम बहुत सारे लोग मिलकर गरीब परिवार की मदद भी करते है वो एनजीओ की हेल्प से  . बोला जाता है की कन्या जान दुनिया का सबसे बड़ा दान है इसलिए जो ये करता है वो भाग्यशाली होता है तो अगर हो सके आप भी किसी गरीब व्यक्ति के घर में कुछ रुपये शादी के लिए डाल दे सकते है इससे आपको अच्छा लगेगा 







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