Sunday, May 25

Thought with Krishna

 

Thought with Krishna -2


राधा बिना श्याम अधूरे लगते हैं,
जैसे बंसी बिना सुर झूठे लगते हैं 






राधा की भक्ति, कृष्ण का प्यार,
इनसे ही तो जग में मिला आधार।






प्रेम में डूबी राधा की बंसी,
श्याम के होंठों पे जैसे कोई हँसी।



राधा की आंखों में बसी है जो मूरत,
कृष्ण ही तो हैं उस प्रेम की सूरत।






कान्हा जब राधा के पास होते हैं,

सारे दुःख खुद ब खुद दूर होते हैं


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